Establishment and history



College is established since 29.9.1989 by the higher education department of M.P. Govt. initially its name was Govt. college Simga but from 6th September, 2003, it is named as Rajeev Gandhi Govt. college Simga by the order no. F-73-175/2003/38, Raipur dated on 06-09-2003 of Higher Education Department of C.G. Govt.

प्राचार्य के कलम से




डॉ. (श्रीमती) मीना मेश्राम
प्राचार्य

राजीव गाँधी शासकीय महाविद्यालय की स्थापना 1989 में हुई थी। प्रारंभ में इस महाविद्यालय में कला संकाय का ही अध्यापन कार्य हो रहा था। कुछ समय पश्चात् विज्ञान संकाय भी आरंभ हो गया। अपने प्रारंभिक स्थापना वर्ष में छात्र की संख्या सीमित थी, उनके अध्यापन कार्य के लिए कक्षा एवं फर्नीचर का भी अभाव था और मंडी प्रागंण में अध्यापन कार्य किया जा रहा था। शासन द्वारा महाविद्यालय के नाम से भूमि प्राप्त हुई और तीन कक्षों का निर्माण कार्य किया गया। 2007 में महाविद्यालय की भूमि पर PWD द्वारा अध्यापन कार्य हेतु भवन निर्मित किया गया। महाविद्यालय अपने स्थापना वर्ष से ही अनेक समस्याओं का सामना करते हुए आगे बढ़ रहा है। आज महाविद्यालय में लगभग 902 छात्र-छात्राएँ विभिन्न संकाय में अध्ययनरत् है। महाविद्यालय के ग्रंथालय में लगभग 13,767 पुस्तकें उपलब्ध हैं। छात्र-छात्राएँ ग्रंथालय का उपयोग करते है एवं वाचनालय की भी सुविधा है। ग्रंथालय का स्वचालन का प्रयास भी जारी है।

महाविद्यालय में अध्ययन व अध्यापन का कार्य इसके लक्ष्य व उद्देश्य के अनुरूप संपादित किया जाता है। ग्रामीण परिवेश में स्थापित होने के कारण छात्र-छात्राओं को आत्मर्निभर बनाना और उनके व्यक्तित्व का समग्र विकास करना ही हमारा प्राथमिक ध्येय है।

महाविद्यालय में एम.ए. की कक्षाएँ दो विषयों - हिंदी साहित्य एवं राजनीति शास्त्र में संचालित है। इस सत्र में हिन्दी विभाग की छात्रा कु. पायल शर्मा ने पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की प्रावीण्य सूची में चौथा स्थान प्राप्त करके महाविद्यालय को गौरवान्वित किया हैं।

महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की सक्रिय इकाई है जिसके अंतर्गत वृक्षारोपण, श्रमदान तथा अन्य सामाजिक दायित्व के कार्य प्रतिवर्ष संपादित किए जाते है। दैनिक गतिविधियाँ एवं विशेष शिविर का आयोजन कार्यक्रम अधिकारी द्वारा किया जाता है। रेड रिबन क्लब द्वारा भी विभिन्न स्र्पधाएँ जैसे- नारा लेखन, पोस्टर निर्माण, निबंध लेखन, भाषण एवं रंगोली आदि का आयोजन निरंतर किया जाता हैं।

महाविद्यालय में राष्ट्रीय मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत भी विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती है। इस क्रम में जिला स्तर पर निबंध प्रतियोगिता एवं रंगोली प्रतियोगिता में छात्राओं ने प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त किया है।

महाविद्यालय द्वारा वार्षिक स्नेह सम्मेलन का आयोजन भी प्रतिवर्ष किया जाता है जिसमें छात्र-छात्राएँ उत्साहपूर्वक भाग लेते है। खेल गतिविधियाँ भी महाविद्यालय में निरंतर जारी रहती है।

महाविद्यालय में नियमित स्टाॅफ की कमी के बावजूद अध्यापन का कार्य प्राध्यापको एवं अतिथि प्राध्यापकों के द्वारा पूरी निष्ठा से सम्पादित किया जाता है जिससे महाविद्यालय का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहता है। वर्तमान समय में कोरोना (कोविड-19) की स्थिति में भी प्राध्यापकों द्वारा ऑनलाइन कक्षाएँ, हाइब्रिड कक्षाएँ एवं परीक्षा का कार्य संपादित किया जा रहा है। इन सभी गतिविधियों से महाविद्यालय प्रगति की ओर आगे बढ़ रहा है व शैक्षणिक व शैक्षणेत्तर गतिविधियों के माध्यम से छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के प्रति कटिबद्ध हैं।

डॉ. (श्रीमती) मीना मेश्राम
प्राचार्य 

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